short story in Hindi ईश्वरचन्द्र विद्यासागर
short story in Hindi ईश्वरचन्द्र विद्यासागर
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To aaj ki jo kahani hai vo bhoot he intarsting hai or aaj ki is kahani se aapko shiksha milagi ki kis parkar ईश्वरचन्द्र विद्यासागर ne apne mehamaan ka swagat kiya.sort story in hindi
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sort story in Hindi ईश्वरचन्द्र विद्यासागर
एक स्टेशन पर एक रेलगाड़ी रुकी। एक डिब्बे में से एक नवयुवक उतरा।
गाड़ी के आने के समय उस छोटे स्टेशन पर कोई कली नहा था। अतः उस
नवयुवक ने कुछ देर आवाज दी, "कुली-कुली।" कुछ समय बाद एक
आदमी जो बहुत साधारण कपड़े पहने हए था.
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वहाँ आया। उस नवयुवक
ने उस व्यक्ति को फटकारते हुए कहा कि गाड़ी के समय तुम कहाँ रहते हो
और तब उसे अपना सूटकेस ले चलने की आज्ञा दी। उस आदमी ने उस
नवयुवक से केवल इतना पूछा कि आपको कहाँ जाना है।sort story in Hindi
उस युवक ने
उस युवक ने
कहा, "मैं ईश्वरचन्द्र विद्यासागर से मिलने के लिए आया हूँ। मुझे उनके
घर ले चलो।" वह आदमी उस नवयुवक का सूटकेस लेकर चल दिया और
थोड़ी देर बाद वे दोनों विद्यासागर के मकान पर पहुँच गये। वहाँ पहुँचकर
वह नवयुवक बहुत लज्जित हुआ जब उसे मालूम हुआ कि उसका सूटकेस
लाने वाला व्यक्ति और कोई न था, स्वयं ईश्वरचन्द्र विद्यासागर थे।
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